सिगमंड फ्रायड तथा अन्य प्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक यह समझते हैं कि हर एक व्यक्ति “महान” या “महत्वपूर्ण” हस्ती बनने की इच्छा रखता है। व्यक्ति...
अब्राहम लिंकन के अचेत मन के किसी कोने में महान बनने के लिए इच्छा छुपी हुई थी। वह एक साधारण क्लर्क होते हुए भी अमरीका का राष्ट्रपति बनना चाहता था। महात्मा गांधी तथा मद टेरेसा ने महान बनने के लिए भिन्न प्रकार का मार्ग अपनाया। पाकिस्तानी जनरल जिया उल हक तथा फिजी के जनरल रामबुका ने महान बनने के लिए बेईमानी के रास्ते अपनाए तथा वह घंटों में ही महान बन गये।
आस्ट्रेलिया के पूंजीपति एलन ब्रांड तथा कैरी पैकर और भारत के टाटा बिड़ना ने महाने बनने के लिए इनसे भिन्न मार्ग चुना। स्त्रियों द्वारा मनमोहक डिजायनों के कपड़े तथा गहने पहनना तथा संवरना भी उनकी अंदरूनी इच्छा होती है, दूसरों को अपनी ओर अकर्षित करने की इच्छा का ही एक प्रदर्शन होता है। इस पुस्तक को लिखने का कई कारणों में एक समाल में महत्वपूर्ण व्यक्ति बनना भी है।
इतिहास के पन्ने प्रसिद्ध व्यक्तियों के महान बनने की भावना के लिए किए गये संघर्षों की गाथाओं से भरे पड़े हैं। जो लोग अपने नामों के साथ संत, भगवान, गुरू, महाराज तथा श्रीमान आदि जैसे शब्द जोड़ लेते हैं, वह एक प्रकार से महान बनने की लालसा को ही पूरा करते हैं।
मर्सिडीज़ या मारूती कार, बड़ा सा शाही ठाठ वाला बंगला लेने, अफसर बनने तथा कीमती पोशाकों तथा हीरे जवाहरातों से जड़े आभूषण पहनने में भी हमारी महान बनने की इच्छा झलकती है। इस प्रकार पेशेवराना तथा शौकिया किस्मत बताने वाले भी यह पेशा इसलिए अपनाते हैं ताकि उनके महान बनने की इच्छा पूरी हो सके। अन्य पेशों में लगे हुए लोगों की तरह किस्मत बताने वाले भी अपने कारोबार को चमकाने के लिए उन सभी ढ़ंगों को अपनाते हैं, जिनसे उनका धंधा आधुनिक दिखाई दे। कम्प्यूटर को इसमें प्रयोग करना यही दर्शाता है।
अन्य कारोबारों तथा किस्मत बताने वालों के धंधें में अन्तर होता है। पहली प्रकार के लोग पैसे के बदले ग्राहक को कुछ देते हैं पर किस्मत बताने वाले कुछ भी नहीं देते। वह अपने ग्राहकों को बुद्धू बना कर अंधविश्वासी बना देते हैं। किस्मत देखने वाले लोगों को धोखा देने तथा उनकी अज्ञानता तथा भोलेपन के साथ-साथ उनकी किस्मत में विश्वास का दुरूपयोग करने में काफी होशियार होते हैं।
किस्मत बताना उतना ही सरल है, जितना कार चलाना। इस काम में किसी विशेष योग्यता की आवश्यकता नहीं पड़ती। शारीरिक परिश्रम करने वाले मज़दूर से लेकर बहुत ज्यादा पढ़े-लिखे व्यक्ति तक कोई भी चालाक व्यक्ति किस्मत बताने वाला बन सकता है। केवल मनोविज्ञान सम्बंधी साधारण ज्ञज्ञन की पुस्तक पढ़ना तथा इस ज्ञान को उपयुक्त ढंग से प्रयोग करना ही ज्योतिष सीखना है। सबसे पहले यह काम अपने दोस्तों, सहपाठियों तथा रिश्तेदारों से आरम्भ करना चाहिए। किसी अखबार या रिसाले के सम्पादक से सम्बंध स्थापित करना या कमीशन तक करने की कोशिश की जानी चाहिए।
केवल दो या तीन लेख लिखकर ही वह आपको अन्तर्राष्ट्रीय प्रसिद्धि वाला किस्मत बताने का विशेषज्ञ स्थापिक कर सकते हैं। फिर जल्दी ही आप छठी इन्द्री या इलाही वाणी होने का दावा करके अपनी दुकान खोलने के लिए परिपक्त बन जाएंगे। आप यह भी दावा कर कसते हैं कि प्रधानमंत्री, मन्त्री, डॉक्टर, वकील, फिल्मी सितारे तथा संगीतकार, महान हस्तियाँ आपके ही ग्राहक हैं। आप किसी हवाई दुर्घटना के बारे में, भूचाल आने के बारे में, राष्ठ्रपति, तानाशाह या प्रधानमंत्री के कत्ल किये जाने के बारे में भविष्यवाणी करने का दावा भी कर सकते हैं। इनके सच्चे होने की कर्त चिंता न करें। कौन सी बात में किसी ने जांच पड़ताल करनी है।
ग्राहक जो सुनना पसंद करता है, किस्मत बताने वाले उसे वही कुछ बताने का प्रयास करते हैं। वह व्यक्ति की शारीरिक तथा मानसिक कमज़ोरियों के विषय में जानते हैं। कौन यह सुनना पसंद नहीं करता कि आने वाले चंद रोज़ उसकी इज्जत तथा दौलत में वृद्धि करेंगे? हर एक व्यक्ति अपनी असफलताओं की जुम्मेवारी किस्मत को ठहराना चाहता है। यह सुनना अधिक संतोष देता है कि आप अपने जीवन साथी से इसलिए वंचित हुए हैं क्योंकि आपके ग्रह अशुभ थे या आपकी शादी अशुभ मुहुर्त में हुई थी। कोई भी यह नहीं सुनना चाहेगा कि यह दुर्घटना आपके व्यक्तित्व की कमजोरी या आपकी किसी मूर्खतापूर्ण कार्यवाही के कारण घटी है।
कितना अच्छा लगता है यह सुनना कि आपकी निर्धनता आपकी जीवन योजना में गलती होने के कारण नहीं बल्कि जन्म गलत समय में होने के कारण है। किस्मत बताने वाले, व्यक्ति के लक्षणों के जानकार होते हैं तथा वे जानते है कि हर व्यक्ति प्यार, घृणा, गुस्सा, दयालुता, जिददीपन, डर, दुख, लालसा, खुशी, मित्रता तथा घमण्ड जैसी भावनाएं मौजूद हैं तथा किस्मत बताते समय इन्हीं भावनाओं की जानकारी होने से वह अच्छा कमा लेते हैं।
यह एक विश्वव्यापी सच्चाई हे कि लोग अपने बारे में की गयी भविष्यवाणियाँ लम्बे समय तक याद नहीं रखा करते। वह भविष्यवाणियों की जांच पड़ताल करने की इच्छा नहीं रखते। वह केवल सच्ची भविष्यवाणियों को याद रखते हैं जबकि झूठी भविष्यवाणियों को भूल जाते हैं। इसके अतिरिक्त वह संयोगवश घटी सच्ची घटना को बढ़ा-चढ़ा कर देखते हैं।
किस्मत बताने वाले मौका परस्त होते हैं तथा वे इस ढंग से बातचीत करते हैं कि उनके द्वारा की गयी भविष्यवाणी को कई तरह से समझा जा सकता है। इसमें कोई संदेह नहीं कि वह जाने हैं कि उनके ग्राहक भोले भाले तथा अंधविश्वासी हैं।
मनजीत सिंह बोपाराय
(ज्योतिष झूठ बोलता है, पृष्ठ-110, तर्कभारती प्रकाशन, बरनाला, पंजाब से साभार)
अरे वाह !! लोगों को ठगना इतना आसान है .. मुझे तो मालूम ही नहीं था .. नुस्खे बताने के लिए धन्यवाद !!
जवाब देंहटाएंशायद इसे पढकर लोगों की बुद्धि कुछ खुल जाए।
जवाब देंहटाएंbahut sahi likha aapne
जवाब देंहटाएंaaj kal yahi sab chal raha hai
dhanywaad
आपने सही कहा। अधिकतर लोगों को ये बातें पता होती हैं, लेकिन इसके बावजूद लोग बेवकूफ बनते रहते हैं।
जवाब देंहटाएंइसीलिए हम आज तक किसी ज्योतिष के चक्कर में पढ़े ही नहीं...जो बीत गया उसके बारे में जानने का फायदा क्या और जो होने वाला है अगर ये पहले से पता लग गया तो जीने में रोमांच कहाँ रह जायेगा...बहुत सार्थक लेख है आपका...
जवाब देंहटाएंनीरज
बहुत खुल कर लिखा आप ने, लेकिन जो ऎसी बातो पर विश्व्वास करते है, उन्हे समझाना आसान नही, यानि वो नही समझ सकते.
जवाब देंहटाएंहर बात पर किस्मत का रोना रोने वाले तो कभी भी अपनी गलती नही मानेगे, चाहे उन की बेवकूफ़ी से ही कुछ हुया हो लेकिन वो दोष हमेशा किस्मत ओर भगवान को ही देगे.
धन्यवाद इस अति सुंदर लेख के लिये
प्रेमचंद ने भी लिखा था - "आदमी कोई काम या तो पैसे के लिए करता है ,या फिर प्रतिष्ठा के लिए." कुछ लोग इनसे अलग भी होते हैं ; मगर कुछ ही .वैसे ख्यातिप्राप्त ज्योतिष बनने की अच्छी विधी बताई है आपने.
जवाब देंहटाएंमहत्वाकांक्षा और किस्मत की बातें सही कही आपने।
जवाब देंहटाएंवाकई बहुत आसान है।
जवाब देंहटाएंखैर मानवता को ठगते तो अब्दुल कादिर खान भी हैं। न्यूक्लियर साइण्टिस्ट! :)
जवाब देंहटाएंsach hai
जवाब देंहटाएंI know, my comment is not related to this post. But definitely related to the theme of tasliim.
One girl today told me ke uske ek relative par Devi aai thi. vo us se us waqt mili. aur us bande ne usko vo baat batai, jo aaj tak usne raaz rakhi thi...kisi ko bhi nahi pata thi. Even uske parents tak ko nahi.
Fir usne vo cheez kaise pata chali?
I asked, if he told her everything in clear words? She said, his words were not crystal clear, but quite understandable?
She said, pata nahi usne kaise mere past ka ek secret bata diya, jo maine kisi ko nahi bataya...
Yogesh
अरे जाकिर भैया अब बख्स दीजिये इन ज्योतिषीयों को ,इनको भी जीने -खाने दीजिये -क्यों पोल खोलनें में लगे हैं .
जवाब देंहटाएंविश्वास और आस्था का प्रसंग है.
जवाब देंहटाएंमुझे अपने आस-पास अनेक ज्योतिषियों का सानिध्य मिला है। सभी एक से एक पहुँचे हुए माने जाते हैं। लेकिन यह सच है कि जिस मात्रा में इन्हें मानवीय संवेगों और देश काल व वातावरण का ज्ञान है इसी स्तर के ये ज्योतिषी भी हैं। आपकी बातों पर सहसा विश्वास करने का मन होता है। शुक्रिया।
जवाब देंहटाएंआपका ब्लौग मेरे ब्राउसर में बहुत अटक-अटक कर चलता है. दूसरी वेबसाइटों के साथ ये समस्या नहीं आती. संभवतः इसका कारण है वह टूलबार जो आपका ब्लौग खोलते ही विंडो में सबसे नीचे आकर रीडर्स, आई पी एड्रेस आदि की जानकारी देता है. इस टूलबार को डिसेबल करने का कोई उपाय ज़रूर बताएं. यह आपके लिए उपयोगी होगा लेकिन मेरे लिए एक समस्या है. अन्यथा न लें. आपका ब्लौग देखने के लिए ही इतनी समस्या का सामना करता हूँ!:)
जवाब देंहटाएंबिल्कुल सही कहा है आपने! पोस्ट बढ़िया लगा! कुछ लोगों को ठगना बहुत ही आसान होता है पर बहुत से लोग कुछ ज़्यादा ही चालाक होते हैं! पर कुछ लोग बड़े आसानी से बेवकूफ बन जाते हैं!
जवाब देंहटाएंबाप रे , सच मे इन सबसे दूर ही रहना अच्छा....
जवाब देंहटाएंregards
अरे क्या बात कर रहे भैया।बहुत कठीन हो गया है आजकल लोगो को बुद्धू बनाना।विज्ञापन देने पडते हैं।सिर घुटाना पडता है।मोटी-मोटी संकल पहननी पडती है,फ़ेस एक्स्प्रेशन मे एक्स्पर्ट होना पडता है,ब्यूटी पार्लर जाना पड़ता है,संपादको या चैनल के कर्ता-धरताओ को सेट करना पड़ता है,बाज़ार मे माऊथ पब्लिसिटी के लिये एजेण्ट छोड्ने पड़ते हैं।इसके बाद भी गारंटी नही की दुकान चले ही।फ़िर आप जैसे लोग भी है जो आजकल पुलिस तक़ पहूंच जाते है,उसे भी सेट करना पड़ता है।बहुत कठीन है भैया आसान नही है।देखा नही एक चैनल के शनी महाराज हिट हुये तो दूसरे ने गणेश महाराज को ला दिया।बहुत काम्पिटिशन है भैया।फ़िर वास्तू वाले,झाड़-फ़ूंक वाले,तारे वाले,जन्म पत्री वाले और तो और सड़क पर बैठे मिट्ठू वाले तक़ धंदा खराब कर रहे हैं।ज्यादा तो नही हो गया भाई।लगता है इस पर पूरी एक पोस्ट ही पेलनी पड़ेगी।
जवाब देंहटाएंभई कोई दो चार ठगी के नुस्खे हम मूड अज्ञानियों को भी बता दीजिए, आप परमज्ञानियों को दुआएं देंगे।...:)
जवाब देंहटाएंसच कहा है, अन्धविसवासी लोग इतनी सहजता से उल्लू बनते है की सहसा विस्वास नहीं होता!! और मैंने तो एक ज्योतिषी को ही उल्लू बनाया जब उश्ने मुझसे कहा की तुम किसी एक विषय मैं कमजोर हो!! मेरे मन मैं पता नहीं क्या आया मैंने उसका हाथ अपने हाथ मैं लिया और कह दिया की तुम्हारे माँ बाप का साया बचपन मैं ही उठ गया !! भाई साहेब कसम से वो ज्योतिषी मेरे पीछे पड़ गया की मुझे भी कुछ ज्योतिष का सही ज्ञान दो !! कहने लगा तुम्हारा कथन बिलकुल सही है ! मेरे १४ साल की अवस्था मैं माँ और २० साल की अवस्था मैं पिताजी चल बसे!! अब उसको क्या बताऊँ की कभी कभी तुका कितना सही लगता है !!
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा लेख....बहुत बहुत बधाई....
जवाब देंहटाएंअच्छे गुर बताए हैं आपने धन्यवाद .
जवाब देंहटाएंमाना कि काफी लोग ज्योतिष बन कर ठगते हैं, लेकिन क्या इस से प्रमाणित हो जाता है, के ज्योतिष एक विद्या अथवा विज्ञान नहीं है?
जवाब देंहटाएंकुछ ऐसे संत महात्मा भी हैं, जो आपको देख कर ये बता सकते हैं कि आपके घर में कौन कौन और कितने सदस्य हैं?
अब किसी और की बात नहीं करूँगा, मेरी माता जी ने ही, मेरे पिता जी की तस्वीर एक बाबा को दिखाई, तो उन बाबा ने देखते ही कह दिया, कि ये शक्स अब इस दुनिया में नहीं है? कैसे?
और एक दूसरा बाबा भी आया था, उसने भी देखते ही बता दिया कि पति का साया सर से उठ चुका है? आखिर कैसे, कोई चेहरा अथवा माथे की रेखायें देख कर ये बता सकता है, कि उसके भूतकाल में क्या घटित हो चुका है?
मेरा एक दोस्त है, जिसका इन चीज़ों में दृढ़ विश्वास है, और वो कहता है, कि एक बार एक बाबा आया, और उसने ये बताया कि उनके घर में बहुत जल्द एक मौत होने वाली है। और वो बात सच निकली? आखिर कैसे, पता चला उस बाबा को, जो उसके घर के बारे में कुछ भी नहीं जानता?
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जवाब देंहटाएंमुरारी पारीक जी,
जवाब देंहटाएंआपका कमेन्ट पढ़ कर खूब हसी आई, सही किया आपने। अगर उसके मा बाप ज़िन्दा होते, तो आपकी वाट लगा देता वो :)
ये ज्योतिश के बारे में जानने में मुझे बहुत दिल्चस्पी है
लेकिन ज्योतिष के समर्थक हमेंशा यही कहते हैं आप खुद सीख लीजिये और खुद पर try कर के देख भी लिजिये।
i don't understood why in India mostly people are foolish ???why trust on these kind of babas or jotishi ..very poor and so mean ....
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